p { background-color: yellow; } Let those words say Happy Birthday Sister ! You will notice in your life-your mother-birthday wishes, quotations, and words of support and good wishes for that special woman. A sister is one who has taken you through good times and bad, no matter what your generation means. Her birthday is one year to let her realize how much you love and appreciate her. Sisters have a special bond with us and we take it for granted often. Tell her that you love by giving her an engagement note the day she was born. Happy Birthday Sister (Wishes, Quotes, and Messages) You're a good friend of mine, my sister and my sidekick. I love you, happy birthday. I wish you all the best and the best in life, my beautiful sister I would still choose you if I had to choose someone to be my sister! You're the best sister and I know the coolest girl. Have a wonderful birthday! Sister, it’s your birthday. Keep calm and eat cake! It’s time to celebrate! May y
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Hindi Shayari
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
जिस की आंखों में कटी थीं सदियां
उस ने सदियों की जुदाई दी है
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
सहमा सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है
मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है
~ Gulzar
हैं और भी दुनिया में सुखन-वर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और
उनके देखने से जो आ जाती है चेहरे पर रौनक,
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।
बे-खुदी बे-सबब नहीं ग़ालिब,
कुछ तो है जिस की परदा-दारी है।
ये न थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता।
कासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ,
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में
तुम न आओगे तो मरने कि है सौ ताबीरें,
मौत कुछ तुम तो नहीं है कि बुला भी न सकू
रोने से और इश्क में बे-बाक हो गए,
धोये गए हम इतने कि बस पाक हो गए।
ईमान मुझे रोके है जो खीचे है मुझे कुफ्र,
काबा मेरे पीछे है कायसा मेरे आगे।
बना कर फकीरों का हम भेष ग़ालिब,
तमाशा एहल-ए-करम देखते हैं।
आईना देख के अपना सा मुँह लेके रह गए,
साहब को दिल न देने पे कितना गुरूर था।
पीने दे शराब मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।
बस की दुश्वार है हर काम का आसान होना,
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसान होना।
बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे,
होता है शब-ओ-रोज तमाशा मेरे आगे।
क्यूँ व्यर्थ चिंतित हो, मैं यहीं था यहीं हूँ और यहीं रहूँगा,
मैं अटल हूँ, मैं सत्य हूँ मैं सबके दिलों में रहूँगा.
और कोई होता तो लड़ भी लेते,
क्या करें मृत्यु भी तो अटल हैं.
ऐसे वीर सपूत को कैसे उत्सव के उत्सव के दिल ला सकती हूँ मैं,
मैं मृत्यु हूँ तो क्या हुआ, वीरों के लिए इन्तजार कर सकती हूँ मैं.
राजनीति के कीचड़ में भी बेदाग रहकर सफल हो जाना,
कहाँ किसी के लिए है मुमकिन, दूसरा अटल हो जाना.
बड़ी रौनक होगी आज भगवान् के दरबार में,
एक फ़रिश्ता पहुँचा है जमीन से आसमान में.
पाकर तुझको मृत्यु रोई, खोकर तुझको जीवन रोया,
खुलकर रोये संगी साथी, चुप छुपकर हर दुश्मन रोया.
मौत खड़ी थी सिर पर
इसी इन्तजार में थी,
ना झुकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर,
तू ठहर इन्तजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं एक दिन और लडूंगा
मौत तेरे से
मंजूर नहीं है कभी मुझे
झुके तिरंगा स्वतन्त्रता के मौके पर.
जिन्दा थे आप जिन्दा ही रहेंगे,
अटल थे आप अटल ही रहेंगे.
जिसने आजादी के उत्सव की अलग अलख जगाई थी,
राष्ट्र को अपने अरूणिमा की नई झलकी दिखलाई थी.
ठन गई
मौत से ठन गई
जूझने का मेरा इरादा न था
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था
रास्ता रोक वह खड़ी हो गई
यों लगा जिन्दगी से बड़ी हो गई.
मौत की उम्र क्या है? दो पल भी नहीं,
जिन्दगी सिलसिला, आज कल का नहीं,
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?
आज स्वर्ग में भी फूलों के रास्तें बने होंगे,
देवता भी कतार में खड़े होंगे.
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.
जीवन के पार्श्व में नहीं कोई कल है,
मृत्यु के भी समक्ष कहाँ कोई कल हैं,
और दोनों के मध्य जो लड़ा अंत तक,
वहीं तो अटल है, वहीं तो ‘अटल’ हैं.
मौसम भी बहुत रोया हैं,
मेरे देश ने अटल खोया हैं.
माना सच है कि मृत्यु अटल है,
पर यह भी सच है कि मृत्यु के सामने भी अटल है.
राजनीति के दलदल में भी कायम जिसका ईमान रहा,
वो व्यक्तित्व अटल है जिनका सच्चा स्वाभिमान रहा.
अटल जैसे लोग मरा नहीं करते हैं,
ऐसे लोग तो करोंड़ो दिलों में जिन्दा रहते हैं.
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रूत जो बदल गई,
इक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया.
सर्वस्व अपना त्याग दिया
जीवन देश के नाम किया
हर कोई जिस पर नाज करें
भारत को वो नया मुकाम दिया.
किन लफ़्ज़ों में इतनी कड़वी, इतनी कसैली बात लिखूं
शेर की मैं तहज़ीब निभाऊं या अपने हालात लिखूं
हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है…
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं…
एहसान करो तो दुआओ में मेरी मौत मांगना
अब जी भर गया है जिंदगी से !
एक छोटे से सवाल पर
इतनी ख़ामोशी क्यों ….?????
बस इतना ही तो पूछा था-
“कभी वफ़ा की किसी से…” ??
ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है
हर घर में बस एक ही कमरा कम है
तुम अपने क़स्बों में जाके देखो वहां भी अब शहर ही बसे हैं
कि ढूँढते हो जो ज़िन्दगी तुम वो ज़िन्दगी अब कहीं नहीं है ।
अपनी वजहे-बरबादी सुनिये तो मज़े की है
ज़िंदगी से यूँ खेले जैसे दूसरे की है
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं
जो मुंतजिर न मिला वो तो हम हैं शर्मिंदा
कि हमने देर लगा दी पलट के आने में।
उन चराग़ों में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे
पहले भी कुछ लोगों ने जौ बो कर गेहूँ चाहा था
हम भी इस उम्मीद में हैं लेकिन कब ऐसा होता है
गिन गिन के सिक्के हाथ मेरा खुरदरा हुआ
जाती रही वो लम्स की नर्मी, बुरा हुआ
लो देख लो यह इश्क़ है ये वस्ल है ये हिज़्र
अब लौट चलें आओ बहुत काम पड़ा है
मिरे वुजूद से यूँ बेख़बर है वो जैसे
वो एक धूपघड़ी है मैं रात का पल हूँ
पुरसुकूं लगती है कितनी झील के पानी पे बत
पैरों की बेताबियाँ पानी के अंदर देखिए।
बहुत आसान है पहचान इसकी
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
जो बाल आ जाए शीशे में तो शीशा तोड़ देते हैं
जिसे छोड़ें उसे हम उम्रभर को छोड़ देते हैं ।